Maa Bap Suvichar
Maa Bap Suvichar
Maa Bap Suvichar
पानी अपना पूरा जीवन देकर पेड़ को बड़ा करता है,
इसलिये शायद पानी कभी भी लकड़ी को डूबने नहीं देता है
माँ --बाप का भी कुछ ऐसा ही सिद्धान्त है
Maa Bap Suvichar
अंधे को मंदिर आया देखकर लोग हंसकर बोले की,
मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो पर क्या भगवान् को देख पाओगे?
अंधे ने मुस्कुरा के कहा की, क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा!!
द्रष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए !!
एक मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाला (कुम्हार),
ईश्वर से कहता है, हे प्रभु तू भी एक कलाकार है
और मैं भी एक कलाकार हूं, तूने मुझ जैसे असंख्य
पुतले बनाकर इस धरती पर भेजे हैं, और मैंने तेरे
असंख्य पुतले बना कर इस धरती पर बेचे हैं। पर
ईश्वर उस समय बड़ी शर्म आती है, जब तेरे बनाये
हुए पुतले आपस में लड़ते हैं, और मेरे बनाये हुए
पुतलों के सामने लोग सिर झुकाते है।
जीवन में दो ही चीजें ईश्वर से मांगिये
माँ बाप के सिवा घर न हो
और कोई भी माँ बाप बेघर न हों!!
कैसे हार जाऊं में
इन तकलीफो के आगे,
मेरी तरक्की की आस में
माँ कब से बैठी है !!
"मां" एक ऐसी बैंक है जहां पर आप हर
भावनाओ और दुःख को जमा कर सकते है,
पिता एक ऐसी क्रेडिट कार्ड है जिसके पास
बैलेंस ना होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की
कोशिश करता है !!
खोए हुए हम खुद हैं
और ढूंढते भगवान को हैं
[…] क्योंकि वो कठोर होते है !! anmol thought माँ — बाप — विचार जिन्दगी को सफल बनाने के लिए बातों से […]
ReplyDeletesuper Thought
ReplyDeleteGajab
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