manushya ki kahani (लालची मनुष्य )

Manushya की कहानी 

  एक महात्मा एक जगह बैठा था


पास से एक गाड़ी गुजरी जिससे


एक गेहूं की बोरी नीचे गिर गई


और फट गई और बाहर गेहूं के


दाने गिर गये महात्मा बैठकर देख ही रहा,


Manushya


Manushya

 

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एक कौआ आया अपने पेट के अनुसार कुछ


दाने खाये और उड़ गया कुछ समय बाद एक


गाय आई उसने भी भर पेट खाया और चली गई


बाद में एक आदमी आया उसने वो बोरी ही पीठ


Manushya

 

पर उठा ली और अपने घर लेकर चला गया


सोचने वाली बात है उन पशु पक्षी को ये समझ


में आ गया कि जिस मालिक ने उन्हें यहां भेजा है


वो हर रोज उन्हें भर पेट देता है पर मनुष्य को


यह छोटी सी बात क्यों नहीं समझ में आ रही


हम दिन रात सिर्फ माया ही कमाने के पीछे


 

लगे पडे़ हैं पर हमारी भूख है की कभी खत्म ही नहीं होती


हमें क्यों उस मालिक पर विश्वास नहीं है |


 

 

  कहानी 

  सुविचार जो काम आये 

 मोटिवेशन शायरी 

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