"भिक्षुक" की एक प्रेरणादायक कहानी

  प्रेरणादायक कहानी


एक भिक्षुक जब भी रास्ते से गुजरते,


रास्ते के बगल  घर में एक औरत रोज अपनी बहू से झगड़ते मिलती ।


एक दिन भिक्षुक उसी औरत के घर भिक्षा मांगने पहुंच गए


और आवाज लगाई ' भिक्षाम देही ' ।


घर से सास बाहर आई और महाराज के कमंडल में


भिक्षा डालते हुए बोली  महाराज कुछ प्रवचन सुनाओ ।


भिक्षुक बोला प्रवचन कल सुनाऊंगा ।


अगले दिन भिक्षुक फिर उस घर के सामने गया और


आवाज लगाया ' भिक्षाम देही ' महिला बाहर आई और कमंडल पर खीर डालने लगी ।


वह देखी कमंडल पर  कूड़ा करकट भरा हुआ है,


वह बोली आपकी कमंडल तो गंदा है,


भिक्षुक बोला हां लेकिन तुम इसमें खीर डाल दो ।


वह बोली, नहीं महाराज अगर मैं इसमें खीर डाल दूंगी


तो खीर खाने लायक नहीं रहेगी ।



कहानी से ये सीख मिला  ----


महाराज बोले जिस तरह गंदी कमंडल पर खीर


डालने से वह खाने लायक नहीं रहेगी,


उसी तरह मेरा उपदेश भी तुम्हारे लिए तब तक अनुपयोगी रहेगा


जब तक तुम्हारे मन में लोगों के प्रति ,


संसार के प्रति द्वेष भाव का कूड़ा करकट भरा रहेगा ।



इसे भी पढिये -----

20 शिक्षाप्रद सुविचार इन हिंदी

पति - पत्नी की कहानी(लता राजीव )

Thought Which Impress Every One

 

 

Comments

Post a Comment