बादल आजा शानदार कविता अभी पढ़े

 

बादल आजा


बादल छाने लगे पंछी गीत गाने लगे


नदियां कर रही विनती सूखे पहाड़ निहार रहे


धरती मुस्कुराने की आस करे,


मोर नाचने लगे बादल गर्जन गीत गाने लगे


बादल आजा

 

छतरिया घूमर, मेंढक भी गुणगान करें


बादल राजा जल्दी आजा ककड़ी भुट्टे लाजा


बच्चे गीत गाने लगे, पेड़ों पर सुने झूले खुलने की आस करें।


 
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