" मेरे देश फले-फूले" देशभक्ति कविता जरुर पढ़े
मेरे देश के सपने ---
मेरे देश के सपने फले-फूले नेह,
प्यार के द्वारे दीप जले।
देश को हमें सजाना है,
देश का मान बढ़ाना है।
हमारे प्रयत्न हमारे जतन,
मिलजुल कर पूरे हो स्वप्न
देश की गौरव वृद्धि करें,
प्रगति पथ पर समृद्धि करें।
न हों केवल प्राणों का भान,
मेरा वतन हो सबसे महान।
कर्त्तव्य बोध से हम न हटें,
रहें सीमा पर सैनिक से डटें।
साधना के तप से हम तपे,
देश हित चिन्तन को ही जपे।
नित कर्म गंगा बहाते चले
निरंतर हिम जैसे हम गले
मेरे देश के सपने फूले-फले ।
हमारी सांसों में लय हो,
हिन्द मातृभूमि की जय हो।
साधना के शुभ प्रयासों में,
देशवासियों के संकल्पों में
देश के सपने फूले-फले ।
"प्रभा पारीक"
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