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Showing posts from September, 2020

ग्रेट सुविचार इन हिंदी

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Great suvichar in hindi ----- great suvichar खराब रवैया खराब ऑयल की तरह होती है जितनी देर आप इसे अपने मशीन में चलाते रहेंगे उतना ही नुकसान आपके इंजन को करता रहेगा |       कामयाब होने के लिए कई बार हमारे पास जो है उसी से आगाज  करनी होती हैं , भले ही इन्तीजाम  पूरी ना हो क्योंकि यह इंतजार करने से तो अच्छा है।     हर किसी का अपना अलग वजूद होता है, सूरज के सामने दीपक कुछ नहीं होता लेकिन फिर दीपक अंधकार को मिटाने की क्षमता रखता है।   समाजिक शायरी हिंदी में आईने में देखो और जो दिखे उसी से तुम्हारा मुकाबला है ना कि किसी बाहरी से, जो खुद से जीत गया है वही सच्ची विजेता होता है।     मैं किसी से बेहतर करुं क्या फर्क पड़ता है, मैं किसी का बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता हैं |       वक्त कहता है मैं फिर न आऊंगा, क्या पता मैं तुझे हसाऊंगा या रूलाऊँगा जीना है तो इस पल को ही जी ले, क्योंकि इस पल को मैं अगले पल तक न रोक पाऊँगा |     ना हराना  है किसी को ना जीतना है  किसी से, बस हराना है मजबूरियों को और जीतना है खुद से, जब खुद से जीत जाएंगे दुनिया  हार जाएगी।     ग्रेट सुविचार great suvichar इन हिंदी ----

खुबसूरत सुविचार इन हिंदी

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. हिंदी खुबसूरत सुविचार ----- खुबसूरत सुविचार कोई वस्तु अपने आप ने अच्छी या बुरी नहीं होती विचार उसे अच्छे या बुरे बनाते हैं।   याद रखें प्रथा व परंपरा विधाता नहीं बनता है इसे मनुष्य बनता है और वो चाहे तो इसे तोड़ सकता है।     दुख तो जीवन में उसी प्रकार रहता है जिस प्रकार सूरज में किरण और चंद्रमा के साथ चांदनी रहती है।     दुख और जीवन एक ही बंधन के दो नाम होते है, जब तक शरीर में प्राण रहते हैं तब तक जीवन में दुख रहे हैं दुख से छुटकारा उसी समय मिलता है जब स्वयं जीवन से छुटकारा मिल जाए।     इम्तिहान होगा हर मोड़ पर, हार कर मत बैठ जाना किसी मोड़ पर, तकदीर बदल जाएगी अगले मोड़ पर, प्रतीक्षा करो आपकी ही गूंज होगी मोड़ मोड़ पर।   मोटिवेशनल सुविचार हिंदी में अपनी आंखों में एक सपना बसाओ और उस सपने को पूरा करने में जी जान लगाओ।   सुविचार इन हिंदी कोट्स खुद की तरक्की में इतना वक्त लगा दो की किसी दूसरे की बुराई करने का वक्त ही ना मिले।     ना हराना है किसी को, ना जीतना है किसी से, बस हराना है मजबूरियों को और जीतना है खुद से, जब खुद से जीत जायेंगे तो दुनिया हार जाएगी।     अगर तुम उस वक्त मुस्कुरा स

बारिश में बेजुबान छोटी सी कहानी

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बेजुबान की कहानी ------   बेजुबान की कथा सुबह-सुबह हल्की-हल्की तो कभी तेज होती बूंदाबादी बदल जाती जो रिमझिम में सुबह जब अपनी चाय और बिस्कुट के साथ बैठा ले रहा था चुस्कियों का सुख निहारते पेड़ पौधों के उन पर पड़ती बूंदों को बूंदों का पत्तों से टपक कर ओझल हो जाना अद्भुत था ये सब प्रकृति का कारोबार कि एक मरियल सा श्वान डरा-डरा सा आ खड़ा हुआ   छोटे गेट के पास बहुत भूखा लगा सलाखों के पार बिस्कुट के दो टुकड़े करके रख दिए पर वह एकदम भाग गया भय से बहुत सताया गया होगा मुहल्ले के शैतान बच्चों से आते-जाते राहगीरों से भी बहुत भयग्रस्त मैं भीतर चला आया देखा जालीदार दरवाजे की ओट वह लपक कर आया मुंह में भरकर भगा थोड़ी देर में फिर आ कर ले गया दूसरा टुकड़ा भी भीतर कटोरदान को टटोला एक रोटी पड़ी थी बासी शायद उसी के लिए मैं भी खुश हुआ बहुत टुकड़े टुकड़े कर फिर धर दिए वहीं वह फासले पर सहमा सा देख रहा था टुकुर टुकुर जानता था मैं जब तक खड़ा रहूंगा न आएगा खाने को रोटी भूख पर डर भारी था मैं चला आया भीतर सोचता हुआ कि कुछ तो है आदमी में जिससे कोई डर भी सकता है इस तरह मनुष्य होने पर लज्जित हुआ इसे भी पढ़िए ----- मु